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20 साल बाद मिली खुशी मातम में बदली, ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत पर हंगामा – निजी अस्पताल सीज

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Nov 25
  • 2 min read

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#संतकबीरनगर। जिले में मंगलवार को एक हृदयविदारक मामला सामने आया, जिसने इंसानियत व चिकित्सा सेवाओं की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। थाना हरपुर बुदहट क्षेत्र के झुड़िया बाबू गांव निवासी हरिओम विश्वकर्मा की पत्नी पिंकी विश्वकर्मा (लगभग 38 वर्ष) की श्रीवंश नामक निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिवार 20 वर्ष बाद संतान की खुशी पाने वाला था, लेकिन कुछ ही मिनटों में खुशियां मातम में बदल गईं।


9 महीने से चल रहा था उपचार


परिजनों के अनुसार, पिंकी का इलाज पिछले नौ माह से छोटी पटखौली स्थित श्रीवंश अस्पताल में चल रहा था। सोमवार रात से प्रसव पीड़ा बढ़ने पर सुबह 10 बजे परिजन पिंकी को अस्पताल लेकर पहुंचे। बताया जाता है कि आवश्यक औपचारिकताओं के बाद 10:10 बजे उन्हें ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया, जहां कुछ देर बाद एक कन्या का जन्म हुआ। बच्ची को देखकर परिवार के चेहरे पर वर्षों बाद खुशी लौट आई थी।


ऑपरेशन के बाद बिगड़ी तबीयत, मौत छुपाने का आरोप


परिजन दावा करते हैं कि बच्ची के जन्म के कुछ ही समय बाद पिंकी की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से यह तथ्य छिपाने की कोशिश की तथा पिंकी को "झटके आने" की बात कहकर मेडिकल कॉलेज भेजने का दबाव बनाया। जब परिजन ने पिंकी की स्थिति देखने की जिद की तो पाया कि वह पहले ही मृत हो चुकी थी।


दस्तावेज़ न दिखाने पर परिजनों का आक्रोश, सड़क जाम


परिजनों ने डॉक्टर की योग्यता और ऑपरेशन से संबंधित दस्तावेज़ मांगे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा टाल-मटोल किए जाने पर हंगामा बढ़ गया। आरोप है कि संचालक अस्पताल बंद कर भागने की कोशिश कर रहा था। इस बीच मृतका के परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे आवागमन बाधित हो गया।


पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची, अस्पताल सीज


मामले की सूचना पर कोतवाली प्रभारी पंकज पांडे मौके पर पहुंचे और स्थिति नियंत्रित करने का प्रयास किया। बाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम, मुबारक अली के नेतृत्व में, अस्पताल में जांच करने पहुंची। प्रारंभिक जांच में कई कमियां पाए जाने के बाद अस्पताल को सीज करने की कार्रवाई की गई। साथ ही शव को पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।


परिजनों ने लगाया गंभीर लापरवाही का आरोप


परिजन आरोप लगा रहे हैं कि अस्पताल में अयोग्य डॉक्टरों के द्वारा ऑपरेशन कराया गया, जिसके कारण पिंकी की मौत हुई। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से मामले की जांच में जुटे हुए हैं।


स्थानीय लोगों में सवाल


घटना के बाद आमजन के बीच यह चर्चा भी तेज हो गई है कि जिले में संचालित निजी अस्पतालों की योग्यताएं और निगरानी व्यवस्था कितनी मजबूत है। लोगों ने सवाल उठाया कि ऐसे मामलों में जिम्मेदार कौन है और भविष्य में मरीज किस अस्पताल पर भरोसा कर सकेंगे।


पुलिस का कहना


पुलिस प्रशासन का कहना है कि परिजनों की तहरीर मिलने पर उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई जाएगी। दोषी पाए जाने पर अस्पताल संचालक और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 
 
 

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