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खलीलाबाद विधियानी की टूटी सड़क पर युवाओं ने बोया धान, प्रशासन को जगाने का अपनाया अनोखा तरीका

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Jun 27
  • 2 min read

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संतकबीरनगर | रिपोर्ट: सदरे आलम खान


शहर की बदहाल सड़कों से परेशान युवाओं ने प्रशासन को जगाने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। खलीलाबाद-विधियानी संपर्क मार्ग की वर्षों से जर्जर पड़ी सड़कों पर विरोधस्वरूप युवाओं ने धान की रोपाई कर दी। हाल की हल्की बारिश से सड़कों पर भरे पानी और कीचड़ ने जब खेत का रूप ले लिया, तो युवाओं ने प्रतीकात्मक विरोध करते हुए इन गड्ढों को ही धान की खेती के लिए उपयुक्त मान लिया।


यह अनोखा प्रदर्शन तब चर्चा का विषय बन गया जब राहगीरों की भीड़ जुटने लगी और सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया। विरोध में शामिल युवाओं में विवेक वर्मा (गोलू), पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सौरभ सिंह, पत्रकार गोरखनाथ मिश्रा, महेश जैसवाल, अभय यादव, हर्षित, मोहम्मद कैफ, राहुल और पिंटू समेत कई चेहरे शामिल थे।


"जब सड़क खेत जैसी दिखती है, तो खेती ही सही"

विरोध कर रहे युवाओं का कहना था कि यह प्रदर्शन किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह नागरिकों की तरफ से जागरूकता और व्यवस्था को आईना दिखाने की कोशिश है।

उनका कहना है कि –


“विधियानी मार्ग की हालत कई सालों से खराब है, बरसात में तो यह पूरी तरह जलजमाव और गड्ढों में तब्दील हो जाती है। अगर सड़क खेत जैसी लगती है, तो फिर उस पर धान की रोपाई ही कर दी जाए।”


"राजनीति नहीं, जवाबदेही चाहिए"

प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि वे किसी भी राजनीतिक मकसद से प्रेरित नहीं हैं।


“हम सिर्फ जागरूक नागरिक हैं और चाहते हैं कि विकास के खोखले दावों के बीच हमारी मूलभूत समस्याओं की ओर भी ध्यान दिया जाए।”


स्थानीय लोगों का भी मिला समर्थन

रोज़ाना इसी सड़क से गुजरने वाले स्थानीय लोग भी इस अनोखे विरोध के साथ खड़े दिखे। उनका कहना था कि कई बार शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन प्रशासन को आईना दिखाने के लिए जरूरी था।


अब यह देखना दिलचस्प होगा कि युवाओं की यह पहल प्रशासन को जगाने में कितनी सफल होती है और क्या जिम्मेदार अधिकारी अब इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाते हैं या फिर यह विरोध भी अन्य आंदोलनों की तरह भुला दिया जाएगा।

 
 
 

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