top of page

जब जमीनी विवाद को धार्मिक रंग देने लगे बुजुर्ग दंपति

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Sep 12
  • 2 min read

ree

सार्वजनिक गली और कुएं पर कब्जे का आरोप, धार्मिक अनुष्ठान बाधित होने की शिकायत


दोनों पक्षों के बीच विवाद पर प्रशासन और राजस्व विभाग की नज़र


#संतकबीरनगर।

जिले के मगहर क्षेत्र में सार्वजनिक गली और प्राचीन कुएं पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। शुक्रवार को मगहर निवासी एक बुजुर्ग दंपति जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की।

बुजुर्ग दंपति का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2004 में 13 धुर जमीन का बैनामा कराया था, जिस पर मकान बनवाकर रह रहे हैं। आरोप है कि पड़ोस में रहने वाले अनवारूल हसन, जावेद हसन व परवेज हसन पुत्रगण जहीरूल हसन ने 7 फीट चौड़ी सार्वजनिक गली पर कब्जा कर मकान का गेट बना लिया है। वहीं, शबील, नफीस और अतीक पुत्रगण अब्दुल कलाम ने मकान के पूरब तरफ बने प्राचीन कुएं पर शौचालय का निर्माण करा लिया है। बुजुर्ग का कहना है कि यह कुआं लंबे समय से स्थानीय हिंदू समाज द्वारा धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयोग किया जाता रहा है, लेकिन कब्जे के कारण अब धार्मिक क्रियाएं प्रभावित हो रही हैं।

दूसरा पक्ष

वहीं, जब इस मामले पर आसपास के स्थानीय लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने बुजुर्ग दंपति पर ही सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि मकान बनाने के दौरान उन्होंने गली और खाली जमीन की ओर रोशनदान और जगला निकालने की कोशिश की, जिस पर आपत्ति हुई। बाद में नगर पालिका चेयरमैन की पहल से उन्हें आंशिक अनुमति दी गई। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि विवादित कुएं को बच्चों की सुरक्षा के लिए घेरा गया था, न कि कब्जा करने के लिए। गली भी पहले से बंद पड़ी थी।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जगदीश प्रसाद गुप्ता मामले को धार्मिक रंग देकर समुदायों के बीच तनाव पैदा करना चाहते हैं, जबकि यह महज जमीनी विवाद है।

राजस्व विभाग और प्रशासन का रुख

इस पूरे विवाद पर राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामला राजस्व अभिलेखों की जांच और नाप-जोख से स्पष्ट होगा। यदि सार्वजनिक गली और कुआं दर्ज अभिलेखों में सार्वजनिक संपत्ति के रूप में दर्ज पाए जाते हैं तो अवैध कब्जा हटाया जाएगा। वहीं, यदि यह निजी भूमि पाई जाती है तो उसी के अनुसार कार्रवाई होगी।

जिलाधिकारी ने शिकायत पर राजस्व विभाग को जांच सौंप दी है। अधिकारियों का कहना है कि कबीर की धरती पर साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए प्रकरण को सिर्फ जमीनी विवाद मानते हुए तथ्यों के आधार पर समाधान किया जाएगा।

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page