top of page

निषाद पार्टी ने मछुआ समाज के आरक्षण को लेकर भरी हुंकार, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष जनक नंदिनी निषाद और प्रदेश सचिव अब्दुल अज़ीम ने विधायक गणेश चौहान को सौंपा ज्ञापन

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Aug 3
  • 2 min read

ree

मझवार और तुरैहा को अनुसूचित जाति में शामिल करने की पुरजोर मांग, OBC प्रमाण-पत्र पर रोक की मांग भी उठी


MYogiAdityanath Anil Tripathi Er.Praveen Nishad Nishad Party BJP Uttar Pradesh


संतकबीरनगर। उत्तर प्रदेश में आरक्षण को लेकर निषाद समाज की आवाज़ लगातार बुलंद होती जा रही है। इसी कड़ी में रविवार को निषाद पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने धनघटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक गणेश चौहान को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में मझवार, तुरैहा समेत मल्लाह, केवट, कहार, कश्यप, बिन्द जैसी जातियों को अनुसूचित जाति (SC) में परिभाषित करने की मांग की गई है।


ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष जनक नंदिनी निषाद, प्रदेश सचिव अब्दुल अजीम और जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र निषाद सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी शासनादेशों का पालन कर इन जातियों को पिछड़ी जाति (OBC) के बजाय अनुसूचित जाति (SC) का प्रमाण-पत्र दिया जाए।


📜 ज्ञापन में प्रमुख मांगें:


✅ मझवार और तुरैहा को स्पष्ट रूप से SC में परिभाषित किया जाए।

✅ पर्यायवाची जातियों (निषाद, मल्लाह, कहार, केवट, धीमर, बिन्द आदि) को SC मान्यता दी जाए।

✅ OBC प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगे।

✅ जिलों और तहसीलों में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि वे केवल SC प्रमाण-पत्र ही जारी करें।

✅ उत्तराखंड की तर्ज पर यूपी विधानसभा में कानून पारित किया जाए।


प्रतिनिधियों ने 1950 की राष्ट्रपति अधिसूचना, 1961 की जनगणना मैनुअल, और 1977 के भारत सरकार के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि इन जातियों को कई राज्यों में पहले से SC श्रेणी में रखा गया है। बावजूद इसके यूपी में स्थानीय प्रशासन अब भी इन्हें OBC प्रमाण-पत्र दे रहा है, जो कि न केवल संविधान के विरुद्ध है, बल्कि शासन की अधिसूचनाओं का खुला उल्लंघन भी है।


जनक नंदिनी निषाद ने चेताया कि "अगर सरकार जल्द ठोस कदम नहीं उठाती, तो निषाद समाज आंदोलन को मजबूर होगा। यह सामाजिक न्याय की लड़ाई है, जिसे अब हर हाल में जीतना है।"


इस अवसर पर चंद्रभान निषाद, इंद्रजीत निषाद, अमरनाथ निषाद सहित जिले के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हुए विधायक से अपील की कि वे विधानसभा में यह मुद्दा प्रभावशाली ढंग से उठाएं और समाज को उनका संवैधानिक अधिकार दिलाने में मदद करें।

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page