top of page

बिजली निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा, संतकबीरनगर में भी गरजा बिजली कर्मियों का हुजूम।

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Jun 9
  • 2 min read

संतकबीरनगर

ree

उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया के खिलाफ नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स ने बड़ा ऐलान किया है। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जैसे ही यूपी में निजीकरण का टेंडर जारी होगा, देशभर के 27 लाख बिजलीकर्मी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके साथ ही 02 जुलाई को पूरे देश के जनपदों में विरोध प्रदर्शन और 09 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा भी की गई है।


इस फैसले के तहत आज संतकबीरनगर जिले में अधीक्षण अभियंता कार्यालय प्रांगण में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता इं. राजेश कुमार ने की। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह आंदोलन किसानों, गरीबों और आम घरेलू उपभोक्ताओं के हित में है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।


राष्ट्रीय बैठक में लिए गए मुख्य निर्णय:


• टेंडर जारी होते ही 27 लाख बिजलीकर्मी एक दिन की सांकेतिक हड़ताल करेंगे।


• 02 जुलाई को देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन होगा।


• 09 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान।


• 22 जून को लखनऊ में महापंचायत, जिसमें किसानों, उपभोक्ताओं व बिजली कर्मचारियों की सहभागिता होगी।


संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी सुनील कुमार प्रजापति ने बताया कि दिल्ली बैठक में देश भर से बिजली संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी शामिल हुए, जिनमें AIPF, AIPDEF, AIFE, EEFI, AIPMF सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।


वहीं, संतकबीरनगर के कार्यक्रम में उपस्थित कर्मचारियों ने एकजुट होकर बिजली निजीकरण के विरोध में आवाज बुलंद की। विरोध प्रदर्शन में ई. लक्ष्मण मिश्र, ई. केएन शुक्ला, ई. केएल यादव, ई. अभय सिंह, धनंजय सिंह, चंद्र भूषण, दिलीप सिंह, शैलेन्द्र यादव, राघवेन्द्र सिंह, नारायण चंद्र चौरसिया, विजय कुमार, मनोज यादव, मनीष मिश्रा सहित 100 से अधिक बिजलीकर्मी शामिल हुए।


संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी संजय यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बिजलीकर्मी लगातार 194 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और प्रबंधन द्वारा हो रहे दमन का राष्ट्रस्तरीय विरोध किया जाएगा। उन्होंने चेताया कि यदि उत्पीड़न नहीं रुका, तो आंदोलन और तेज होगा, जिसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page