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विमुक्ति दिवस पर निषाद पार्टी का भव्य आयोजन, अंग्रेजी कानून के जख्मों को किया याद

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Sep 1
  • 2 min read

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संतकबीरनगर।

निषाद पार्टी के जिला कार्यालय पर शनिवार को विमुक्ति दिवस बड़े ही श्रद्धा और जोश के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में प्रदेश सचिव अब्दुल अजीम और जिला अध्यक्ष रामनरेश निषाद के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।

समारोह के दौरान वक्ताओं ने 1871 से 1952 तक अंग्रेजी शासन और उसके बाद भी निषाद समाज पर हुए अन्याय और संघर्षों को याद किया।


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प्रदेश सचिव अब्दुल अजीम ने कहा कि –

“सन 1871 में अंग्रेजों ने क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट लागू कर निषाद समाज को जन्मजात अपराधी घोषित कर दिया था। मछली पकड़ने, नाव चलाने और जंगलों से जीवनयापन पर रोक लगाकर हमारे पुरखों को बिना अपराध जेलों में डाला गया। यह हमारी रोज़ी-रोटी, इज़्ज़त और पहचान पर सीधा हमला था। लेकिन निषाद कभी झुके नहीं। स्वतंत्रता आंदोलन में हमारे पूर्वजों ने नावों से सेनानियों को पार कराया, जंगलों में क्रांतिकारियों को छिपाया और आज़ादी की लौ जलाए रखी। आखिरकार 31 अगस्त 1952 को भारत सरकार ने इस काले कानून को खत्म किया और समाज को विमुक्त किया। इसी वजह से हर साल यह दिन हम 'विमुक्ति दिवस' के रूप में मनाते हैं।”


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वहीं जिला अध्यक्ष रामनरेश निषाद ने कहा कि आज भी समाज को अपने हक के लिए लड़ना पड़ रहा है। उन्होंने कहा –

“हमारे बच्चों को शिक्षा और नौकरी में बराबरी नहीं मिली। मछुआरों से नदियाँ और तालाब छीन लिए गए। इसी अन्याय के खिलाफ हमने निषाद पार्टी बनाई और कहा – जो जल का मालिक है, वही राजनीति का मालिक होना चाहिए।

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे शिक्षा को हथियार बनाकर संघर्ष को आगे बढ़ाएँ और समाज को संगठित रखें।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित कार्यकर्ताओं ने अपने पुरखों के बलिदान को याद करते हुए भावुकता व्यक्त की और आगे की लड़ाई को और मजबूती से लड़ने का संकल्प लिया।

 
 
 

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