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हाई कोर्ट से तकनीकी सहायकों को बड़ी राहत, स्थानांतरण आदेश रद्द

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Aug 24
  • 1 min read

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संतकबीरनगर।

मनरेगा योजनांतर्गत तैनात तकनीकी सहायकों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी के अनुमोदन से जारी स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया है।



दरअसल, 18 जुलाई 2025 को जिलाधिकारी की स्वीकृति के बाद 40 तकनीकी सहायकों का कार्य परिवर्तन करते हुए उन्हें एक विकास खंड से दूसरे विकास खंड में तैनात किए जाने का निर्देश जारी किया गया था। इस आदेश के खिलाफ तकनीकी सहायक कृष्ण देव पांडे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।



अदालत में याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं अनिल कुमार त्रिपाठी और नमित कुमार शर्मा ने दलील दी कि संविदा कर्मचारियों का स्थानांतरण शासन के 22.08.2017 एवं 18.08.2023 के परिपत्रों के तहत वर्जित है। इन परिपत्रों में साफ उल्लेख है कि संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति केवल एक निश्चित स्थान पर होगी और उनका ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी कार्य करने का इच्छुक नहीं है, तो उसकी सेवा समाप्त कर रिक्त स्थान पर नई नियुक्ति की जाएगी।



राज्य पक्ष की ओर से उपस्थित सी.एस.सी. (स्थायी अधिवक्ता) इन परिपत्रों का खंडन नहीं कर सके। माननीय न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने शालिनी कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (रिट संख्या 14433/2023) मामले का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता का ट्रांसफर आदेश नियमों के विपरीत है।



अदालत ने 22 जुलाई 2025 को पारित स्थानांतरण आदेश को रद्द करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता वहीं कार्य करेगा, जहाँ उसकी संविदा नियुक्ति हुई थी, और उसे उसी अनुसार वेतन भी दिया जाएगा।



हाई कोर्ट के इस फैसले से संविदा तकनीकी सहायकों ने राहत की सांस ली है। यह आदेश न केवल याचिकाकर्ता बल्कि जिले के अन्य संविदा कर्मचारियों के लिए भी बड़ा सहारा माना जा रहा है।

 
 
 

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