अनुसूचित जातियों को SC आरक्षण में शामिल करने की मांग तेज, राष्ट्रपति को भेजा गया ज्ञापन
- Sadre Alam khan
- Aug 12
- 1 min read

संतकबीरनगर।
पीस पार्टी के प्रदेश संगठन महासचिव आजम चौधरी ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी संतकबीरनगर के माध्यम से भेजकर मुस्लिम अनुसूचित जातियों को अनुसूचित जाति (SC) श्रेणी में शामिल कर आरक्षण लाभ देने की मांग की है।
ज्ञापन में उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासनकाल से लेकर 1936 तक तथा स्वतंत्रता के बाद भी सभी धर्मों के लोगों को SC आरक्षण का लाभ मिलता था, लेकिन 10 अगस्त 1950 को भारत सरकार द्वारा जारी संवैधानिक आदेश में ‘हिंदू’ शब्द जोड़कर मुस्लिम समुदाय को इस लाभ से वंचित कर दिया गया। बाद में 1956 में सिख धर्म और 1990 में बौद्ध धर्म की SC जातियों को इसमें शामिल कर दिया गया, किंतु मुस्लिम अनुसूचित जातियां आज भी बाहर हैं।
आजम चौधरी ने कहा कि जस्टिस सच्चर समिति (2006) और जस्टिस रंगनाथ मिश्रा समिति (2007) ने अपनी रिपोर्ट में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को अनुसूचित जातियों से भी बदतर बताते हुए तत्काल सरकारी सहायता और SC आरक्षण में शामिल करने की सिफारिश की थी, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इन सिफारिशों पर अमल नहीं किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2023 में गठित जस्टिस के.जी. बालकृष्णन आयोग ने भी इस मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया है। राजनीतिक दल मुस्लिम समुदाय को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं और उनके वास्तविक कल्याण के लिए गंभीर नहीं हैं।
उन्होंने राष्ट्रपति से संवैधानिक प्रावधानों के तहत मुस्लिम अनुसूचित जातियों को SC श्रेणी में शामिल करने और उन्हें शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण लाभ देने की मांग की है।
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