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ओम बस सर्विस कार्यालय हत्याकांड में आरोपी अखिलेश सिंह को उम्रकैद

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Sep 18
  • 2 min read

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संतकबीरनगर। जिले की चर्चित ओम बस सर्विस कार्यालय गोलीकांड में करीब नौ साल बाद अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी अखिलेश सिंह को आजीवन सश्रम कारावास और ₹50,000 अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर उसे अतिरिक्त तीन माह की साधारण कैद भुगतनी होगी।


जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि यह मामला 10 अक्टूबर 2016 का है। वादी विकास यादव ने खलीलाबाद थाने में तहरीर दी थी कि उसके चाचा शैलेन्द्र यादव (30 वर्ष) अपने सहयोगी आनंद यादव के साथ ओम बस सर्विस कार्यालय, बरई टोला में बैठे थे। तभी शाम 6 बजे मोटरसाइकिल से पहुंचे दो हमलावरों में से एक ने दफ्तर में घुसकर शैलेन्द्र के सीने में गोली दाग दी। गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।


विवाद बना वजह


घटना से तीन दिन पहले आनंद यादव और अखिलेश सिंह के बीच प्रॉपर्टी डीलिंग को लेकर कहा-सुनी हुई थी। बीच बचाव में आए शैलेन्द्र को अखिलेश और उसके साथी गुड्डू ने धमकी दी थी कि “देख लेंगे।” चश्मदीद गवाहों ने अदालत में यही बयान दिया।


चार अभियुक्तों पर मुकदमा


जांच में अखिलेश सिंह, गुड्डू ढाड़ी, चुन्नीलाल और एक अन्य आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हुआ। सुनवाई के दौरान गुड्डू ढाड़ी फरार हो गया, जिससे उसकी पत्रावली अलग कर दी गई। अभियोजन की ओर से 11 गवाह और बचाव पक्ष से 2 गवाह पेश हुए। गवाही और सबूतों के आधार पर अदालत ने अखिलेश सिंह को दोषी करार दिया।


अदालत का कड़ा रुख


सत्र न्यायाधीश मोहनलाल विश्वकर्मा ने कहा कि अभियोजन ने हत्या का आरोप साबित कर दिया है। इसके बाद अखिलेश सिंह को उम्रकैद की सजा और अर्थदंड से दंडित किया गया।

यह फैसला जिले के लिए नजीर माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से चर्चित इस हत्याकांड में आखिरकार पीड़ित पक्ष को न्याय मिला।

 
 
 

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