गोरयाघाट के विकास में जिम्मेदारों ने लगाया भ्रष्टाचार और कुव्यवस्था का तड़का
- Sadre Alam khan
- Aug 26
- 2 min read

नाथनगर ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम गोरयाघाट में सीसी रोड निर्माण, पंचायत भवन और अंत्येष्टि स्थल में उजागर हुई अनियमितताएँ
संतकबीरनगर।
ग्राम पंचायतों के जरिए गांव की तस्वीर बदलने की योजनाएँ कागजों में तो चमकती हैं, लेकिन धरातल पर कई बार हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ऐसा ही हाल नाथनगर ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम गोरयाघाट में सामने आया है, जहां विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार और कुव्यवस्था का खेल खुलकर दिखाई दे रहा है।
लगभग छह माह पूर्व मनरेगा से बनाई गई सीसी रोड आज टूट-फूट कर ईंट की गिट्टियां उगल रही है। बंधे से राम वृक्ष राय के घर तक बनी इस सड़क पर ढलाई के नाम पर महज खानापूर्ति की गई, ग्रामीणों का आरोप है कि घटिया निर्माण के चलते यह सड़क अब खतरनाक गड्ढों में तब्दील हो रही है।
गांव का पंचायत भवन भी भ्रष्टाचार की एक और मिसाल बनकर खड़ा है। लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी यह भवन वीरान पड़ा है। बिना गेट की बाउंड्री वॉल, चोरी हो चुके कंप्यूटर, सीसीटीवी कैमरे, कुर्सियाँ और इनवर्टर— सब जिम्मेदारों की लापरवाही की कहानी कहते हैं। पंचायत सहायक राजू कुमार ने स्वीकार किया कि भवन का कंप्यूटर किसी अन्य जगह की दुकान पर लगा है और वहीं से भुगतान किया जाता है।
इतना ही नहीं, दो वर्ष पूर्व लाखों रुपए से निर्मित अंत्येष्टि स्थल आज तक निष्प्रयोज्य पड़ा है। ग्रामीणों का सवाल है कि जब यहां कभी दाह संस्कार होना ही नहीं था तो फिर इस पर लाखों रुपए क्यों खर्च कर दिए गए?
गांव की नालियां टूटी पड़ी हैं, जगह-जगह गंदा पानी जमा है और बदहाल हालात साफ तौर पर बता रहे हैं कि विकास के बजट का उपयोग किस तरह किया गया।
इस पूरे मामले में पूछे जाने पर सीडीओ जयकेश त्रिपाठी ने कहा कि, “पंचायत भवन का संचालन न होना बेहद गंभीर मामला है। विकास कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
ग्राम गोरयाघाट के ये हालात बताते हैं कि साहबानों की निगरानी जब सिर्फ फाइलों तक सिमट जाती है तो गांव का विकास कैसे भ्रष्टाचार और कुव्यवस्था की भेंट चढ़ जाता है।
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