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धूमधाम से मनाया गया 1500वाँ जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी ﷺ

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Sep 6
  • 1 min read

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संतकबीरनगर। पूरे जिले में 1500वाँ जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी ﷺ बड़े ही शान-ओ-शौकत और अकीदतमंदी के साथ मनाया गया। सुबह से ही मुस्लिम समाज के लोग अपने पैग़म्बर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की विलादत की खुशी में इकट्ठा हुए और गरीबों व जरूरतमंदों में खाने-पीने की चीज़ें तकसीम कीं।

इस मौके पर इस्लामी अनजुमन की जानिब से एक पुरअम्न जुलूस निकाला गया, जिसमें नात-ए-पाक, सलाम और तकबीर की सदाएं गूंजती रही। मोहब्बत-ए-रसूल ﷺ से सराबोर अकीदतमंदों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी और पैग़म्बर-ए-इस्लाम की सीरत व इस्लामी अरकान को आम लोगों के सामने पेश किया।


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बताते चलें कि हज़रत मोहम्मद ﷺ मुसलमानों के आख़िरी नबी हैं, जिनका पैग़ाम इंसानियत, बराबरी और मोहब्बत पर क़ायम है। आपने ना सिर्फ़ इस्लाम को जिंदा रखा बल्कि अमन और इंसाफ़ का पैग़ाम पूरी दुनिया तक पहुंचाया।

शाम के वक्त एक शानदार जुलूस निकाला गया जिसमें इस्लामी इमारतों की झलक और मस्जिद-ए-अक़्सा की खूबसूरत झांकी देखने वालों के दिलों को छू गई। जुलूस में शामिल लोगों का इस्लाम के मुहाफ़िज़ों और समाज के रहनुमाओं ने इस्तकबाल किया।

इस मौक़े पर मोती नगर सभासद असलम अंसारी, समाजसेवी इसरार अहमद, हाजी साहब पठान टोला सभासद समेत जिले की जानी-मानी हस्तियां मौजूद रहीं और जुलूस-ए-मोहम्मदिया को कामयाब बनाने में अहम किरदार निभाया।

पूरा इलाक़ा "सरवर-ए-कायनात ﷺ जिंदाबाद, या रसूल अल्लाह ﷺ" के नारों से गूंजता रहा और फिज़ा में ईमान व अकीदत की रौनक बिखरी रही।


 
 
 

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