प्रेम प्रसंग में गई युवक की जान, हत्या का शक हुआ बेनकाब – पुलिस जांच से हुआ खुलासा
- Sadre Alam khan
- Jun 11
- 2 min read

संत कबीर नगर 11 जून 202
संत कबीर नगर के महुली थाना क्षेत्र के ग्राम अगया उर्फ सिदाही में एक 22 वर्षीय युवक की रहस्यमय मौत ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी। शुरुआत में परिजनों ने जमीन विवाद में हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता और गोपनीय जांच से मामला कुछ और ही निकला — मृतक की जान प्रेम प्रसंग के चलते गई।
मामला ऐसे आया सामने
ग्राम निवासी राजपाल चौधरी पुत्र प्रह्लाद का शव मंगलवार/बुधवार की रात को पड़ोस में रहने वाली एक महिला के घर से संदिग्ध अवस्था में बरामद हुआ। मृतक के शरीर पर गले, ललाट और पैर पर चोट के निशान भी पाए गए, जिससे हत्या की आशंका और गहराने लगी।
सूचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी धनघटा व प्रभारी निरीक्षक रजनीश राय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम को भी घटनास्थल पर बुलाकर गहन जांच शुरू की गई।
परिजनों ने जताया जमीन विवाद का आरोप
मृतक के परिजनों ने ग्राम प्रधान अरुण तिवारी समेत चार लोगों के खिलाफ जमीन विवाद में हत्या का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी। दर्जनों ग्रामीणों के साथ परिजन थाने पहुंचे और कार्रवाई की मांग की।
पुलिस की सक्रियता से सामने आया सच
घटना की जटिलता को देखते हुए अपर पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार सिंह के निर्देशन में पुलिस ने बंद कमरे में मिले इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों और वीडियो के आधार पर परिजनों को सच्चाई से अवगत कराया।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मृतक की पड़ोस में रहने वाली एक विवाहित महिला से नजदीकी संबंध थे। प्रेम संबंधों के चलते किसी विवाद में उसकी जान चली गई।
महिला ने गुमराह करने की कोशिश की
पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना के बाद महिला ने मृतक की मां को यह कहकर गुमराह किया कि कोई शव उसके घर में रखकर फंसा रहा है। यही नहीं, महिला ने मृतक के मोबाइल से उसकी कॉल हिस्ट्री और व्हाट्सएप चैट भी डिलीट कर दी थी। हालांकि, पुलिस को मोबाइल में महिला का नंबर ‘वेलकम’ नाम से सेव मिला और कॉल हिस्ट्री में भी उसके साथ बातों की पुष्टि हुई।
मुकदमा दर्ज, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा
अंततः मृतक की मां सुशीला देवी ने अब प्रेमिका और उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ हत्या की तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
प्रभारी निरीक्षक रजनीश राय ने कहा
"हमारी प्राथमिकता है कि किसी निर्दोष को सजा न मिले और दोषी किसी भी हाल में बच न पाए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद घटना की सच्चाई पूरी तरह सामने आ जाएगी।"
पुलिस की तत्परता से बच गए निर्दोष
अगर पुलिस ने तकनीकी जांच न की होती, तो चार निर्दोष ग्रामीणों को हत्या के झूठे आरोप में फंसाया जा सकता था। इस मामले में महुली पुलिस की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई की क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है।
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