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महिला SHGs को गोबर आधारित उद्यमों का प्रशिक्षण, आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Sep 6
  • 1 min read

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पारंपरिक कौशल से आधुनिक आजीविका की ओर : महिलाओं को मिला विशेष प्रशिक्षण- लक्ष्मी वर्मा अध्यक्ष।


संतकबीरनगर।

महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को सशक्त बनाने और पर्यावरण-अनुकूल परंपराओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तिघरा ब्लॉक सभागार में 10 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह प्रशिक्षण लक्ष्य – ए सोसाइटी फॉर सोशल एंड एनवायरनमेंटल डेवलपमेंट द्वारा, दीन दयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से एवं लक्ष्मी प्रेरणा संकुल स्तरीय संघ के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है।

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कार्यक्रम का शुभारंभ बघौली ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि योगेंद्र प्रताप सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और हरित उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।


06 सितंबर से 15 सितंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में महिलाओं को गोबर पाउडर और साँचे (मोल्ड्स) की मदद से सजावटी दीपक, छोटी प्रतिमाएँ, मूर्तियाँ, अगरबत्ती एवं अन्य उपयोगी उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।



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इस मौके पर श्रीमती नीलम चतुर्वेदी, प्रोग्राम मैनेजर, वैदेही कार्यक्रम, ने कहा कि –


"यह प्रशिक्षण महिलाओं को सतत आजीविका के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ पारंपरिक पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को भी बढ़ावा देगा। हमें विश्वास है कि इससे न केवल आयवर्धन होगा बल्कि स्थानीय स्तर पर हरित उद्यमिता की नई राहें भी खुलेंगी।"


50 से अधिक महिला SHG सदस्य इस कार्यक्रम से जुड़ रही हैं। प्रशिक्षण के दौरान अनुभवी शिल्पकार व प्रशिक्षक महिलाओं को व्यवहारिक कौशल सिखाएंगे, ताकि वे स्वतंत्र रूप से ऐसे उत्पाद बना सकें जिनकी बाजार में अच्छी मांग है।

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यह कार्यक्रम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, आत्मविश्वास बढ़ाने और उत्पादों के विपणन हेतु आवश्यक संपर्क उपलब्ध कराने में अहम साबित होगा।


 
 
 

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Rajeshwar Pratap
Rajeshwar Pratap
Sep 06
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ऐसे से प्रशिक्षण होते रहे और महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करें। शुभकामनाए

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