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विद्युत संविदा कर्मियों का फूटा आक्रोश: ऊर्जा जनशक्ति ऐप में गड़बड़ी से वेतन में भारी कटौती, भूखमरी की कगार पर पहुंचे संविदा कर्मी

  • Writer: Sadre Alam khan
    Sadre Alam khan
  • Jun 16
  • 2 min read

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सन्त कबीर नगर:

जनपद के विद्युत विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों में इन दिनों भारी आक्रोश व्याप्त है। जिले के दो प्रमुख विद्युत खंड – खलीलाबाद और मेंहदावल – में कार्यरत कुल 326 संविदा कर्मी ऊर्जा विभाग की बाह्य एजेंसी एसएमएम के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं।

संविदा कर्मियों का आरोप है कि ऊर्जा जन शक्ति ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था लागू होने के बाद से भारी अव्यवस्थाएं सामने आई हैं। पहले जहां कर्मी पॉवर हाउस पर रजिस्टर में हस्ताक्षर कर उपस्थिति दर्ज करते थे, अब मोबाइल ऐप से उपस्थिति दर्ज करानी अनिवार्य कर दी गई है। लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के कारण कई कर्मियों की उपस्थिति ऐप पर दर्ज ही नहीं हो पा रही है, जबकि वे नियमित रूप से कार्य पर उपस्थित रहते हैं।

संविदा कर्मियों का कहना है कि जब इस समस्या को लेकर उन्होंने संबंधित जेई, एसडीओ और अधिशासी अभियंता से संपर्क किया, तो उन्हें मौखिक आश्वासन दिया गया कि "रजिस्टर पर साइन करिए, वेतन मिल जाएगा"। लेकिन जून माह में जब मई माह का वेतन आया, तो कई कर्मियों का वेतन आंशिक रूप से ही आया, और कई लोगों को एक भी रुपये का भुगतान नहीं हुआ।

भीषण गर्मी और जोखिम भरे हालातों में दिन-रात मेहनत करने वाले इन संविदा कर्मियों के लिए यह स्थिति किसी त्रासदी से कम नहीं है। उनका कहना है कि वेतन न मिलने के कारण उनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।

विद्युत संविदा मजदूर संगठन, उत्तर प्रदेश ने जिलाधिकारी महोदय से इस पूरे प्रकरण की तत्काल जांच कराने एवं बकाया वेतन 48 घंटे के भीतर भुगतान कराने की मांग की है। संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो सभी संविदा कर्मी कार्य बहिष्कार के लिए मजबूर होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी।

इस संवेदनशील मुद्दे पर जिले के उच्च अधिकारियों की चुप्पी और ऊर्जा विभाग की तकनीकी व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

 
 
 

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